पूर्वोत्तर से मुंबई तक नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जोरदार प्रदर्शन, जानें हर राज्य का हाल
गुवाहाटी/मुंबई/कोलकाता नागरिकता संशोधन कानून 2019 के विरोध में पूर्वोत्तर भारत से भड़की हिंसा की आंच से अब पूरा देश झुलसने लगा है। नॉर्थ ईस्ट और पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारियों ने जमकर हिंसा की है और वहां अभी भी हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। असम, मेघालय, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल और दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन के बाद अब मुंबई में भी इस कानून का विरोध हो रहा है। राजधानी दिल्ली का जामिया मिलिया विश्वविद्यालय शुक्रवार को तो जैसे जंग का मैदान बन गया था। आइए जानते हैं कि किस राज्य में क्या है स्थिति
असम: 9 बजे से शाम 4 बजे तक कर्फ्यू में ढील
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से जारी प्रदर्शनों के मद्देनजर गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में लगाए गए कर्फ्यू में कुछ घंटों की ढील दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि गुवाहाटी में सुबह नौ बजे से शाम 4 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है। डिब्रूगढ़ में सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक ढील दी गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस लोगों को इस ढील की जानकारी देने के लिए लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल कर रही है।
दिसपुर, उजान बाजार, चांदमारी, सिलपुखुरी और जू रोड सहित कई स्थानों पर दुकानों के बाहर लंबी कतारें नजर आईं। ऑटो-रिक्शा और साइकल-रिक्शा सड़कों पर नजर आएं लेकिन बसें अब भी नदारद रहीं। शहर में पेट्रोल पंप भी खोल दिए गए हैं, जहां वाहनों की लंबी कतारें दिखीं। हालांकि, स्कूल और कार्यालय अब भी बंद हैं। नागरिकता (संशोधन) विधेयक के संसद में पारित होने के बाद से ही इसके खिलाफ यहां विरोध प्रदर्शन जारी है, जिसके मद्देनजर अधिकारियों ने कर्फ्यू लगा दिया था।
मेघालय में कर्फ्यू में ढील, विधानसभा का सत्र बुलाया
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शन के मद्देनजर मेघालय के शिलॉन्ग में लगाए गए कर्फ्यू में स्थिति बेहतर होने के बाद शनिवार को सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक ढील दी गई। पूर्वी खासी हिल्स की जिला उपायुक्त एमडब्ल्यू नोंगबरी ने बताया कि राज्य की राजधानी में कई स्थानों पर कुछ दुकानें और कार्यालय खुले हैं। नोंगबरी ने कहा, ‘कानून- व्यवस्था की स्थिति बेहतर होने के बाद कर्फ्यू में ढील दी गई है।' उन्होंने बताया कि शहर में सुबह से यातायात सामान्य है और पिछले 12 घंटे में किसी भी अप्रिय घटना होने की कोई खबर नहीं है। राज्य सरकार ने क्षेत्र में 'इनर लाइन परमिट' लागू करने के मद्देनजर एक प्रस्ताव लाने के लिए विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया है।
पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनों के कारण भारी तनाव नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ पश्चिम बंगाल में सड़कें अवरुद्ध करने और रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़ करने के अगले दिन शनिवार को तनाव बढ़ गया है, जिससे सड़कों पर यातायात और रेल परिवहन बाधित हो गया। नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही भीड़ ने शुक्रवार को मुर्शिदाबाद जिले में पूर्वी रेलवे के बेलदांगा रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ कर दी, जिसके बाद रेलकर्मियों को वहां से भागना पड़ा।
प्रदर्शनकारियों ने स्टेशन मास्टर के केबिन में आग लगा दी और टिकट काउंटर में तोड़फोड़ करने के बाद उसमें आग लगा दी। वे रेलवे ट्रैक पर भी बैठ गए, जिससे लालगोला और कृष्णानगर के बीच रेल यातायात बाधित हो गया। एक अन्य मामले में भारी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने बेलदांगा में राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित कर टायरों में आग लगा दी और एंबुलेंस समेत अन्य वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। जिले में जलंगी, रघुनाथगंज, शमशेरगंज, कांडी, बहरामपुर और डोमकल में सड़क परिवहन बाधित रहा। हावड़ा जिले में आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण-पूर्वी रेलवे के उलुबेरिया स्टेशन में घुसकर परिसर में तोड़फोड़ की।
नगालैंड में बंद का अयोजन, स्कूल और बाजार बंद नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे नगा छात्र संघ द्वारा आहूत छह घंटे के बंद के बीच नगालैंड के कई हिस्सों में शनिवार को स्कूल, कॉलेज और बाजार बंद रहे और सड़कों से वाहन नदारद रहे। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उन इलाकों से अबतक कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई है, जहां सुबह 6 बजे से बंद शुरू हुआ है। प्रदर्शनकारी परीक्षाओं में शामिल होने जा रहे छात्रों, ड्यूटी पर जा रहे चिकित्साकर्मियों, मीडियाकर्मियों और शादियों में शामिल होने जा रहे लोगों को सड़कों से जाने दे रहे हैं।
दिल्ली: जामिया मिलिया बना जंग का मैदान नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध अब पूर्वोत्तर से आगे बढ़ते हुए दिल्ली तक जा पहुंचा है। दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और जामिया नगर में भी लोगों ने प्रदर्शन किया। यह आंदोलन उस वक्त उग्र हो गया, जब पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोकने की कोशिश की। यूनिवर्सिटी परिसर में सैकड़ों लोग संसद तक मार्च निकालने के लिए इकट्ठा हुए। पुलिस ने भीड़ को बैरिकेडिंग लगाकर रोकने का प्रयास किया, जिस पर लोग उग्र हो गए। इस पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस हिंसा में 12 पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे 42 छात्रों और स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया था, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। यही नहीं जंतर मंतर पर भी जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के नेतृत्व में मुस्लिम संगठनों ने प्रदर्शन किया।
महाराष्ट्र, यूपी, केरल में भी प्रदर्शन
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ मुंबई में भी जोरदार प्रदर्शन हुआ है। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मुंबई के आजाद मैदान में इकट्ठा हुए। प्रदर्शनकारियों में असम और नार्थ ईस्ट के काफी लोग शामिल थे। उन्होंने इस कानून को वापस लेने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान अभिनेत्री दीपन्निता शर्मा भी मौजूद थीं। मुंबई के अलावा पश्चिम उत्तर प्रदेश, केरल और बंगाल तक में सड़कों पर उतरकर लोगों ने इस नए कानून का विरोध किया है।
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ यूपी के अलीगढ़ में विरोध जारी है। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ महापौर को प्रदर्शन की इजाजत नहीं मिली और शुक्रवार को पूरे जिले में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि कानून के खिलाफ महापौर मोहम्मद फुरकान की अगुवाई में आयोजित होने वाले विरोध प्रदर्शन के आयोजन के लिए कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए इजाजत नहीं दी गई थी।
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