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लविवि में एलएलबी के पेपर हो गए लीक, परीक्षा रद्द | दो शिक्षक निलंबित


लखनऊ विश्वविद्यालय की एलएलबी त्रिवर्षीय पाठ्यक्रम के तीसरे सेमेस्टर का पेपर परीक्षा से पहले ही लीक हो गया। परीक्षा के सभी सवाल मोबाइल फोन पर नोट कराए गए। बुधवार को इस बातचीत के ऑडियो व्हाट्सएप पर वायरल होने के बाद विवि प्रशासन ने तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा रद्द कर दी। साथ ही दो शिक्षकों प्रो. आरके सिंह और डॉ. अशोक कुमार सोनकर को निलंबित कर दिया।परीक्षा नियंत्रक की तरफ से डॉ. अशोक, डॉ. रिचा व अन्य के खिलाफ हसनगंज कोतवाली में सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया गया है। जिस परीक्षा केंद्र का मामला है, उसे स्थायी रूप से डिबार करने के साथ 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

वायरल पहले ऑडियो में एक रसूखदार महिला ने फोन करके एक शिक्षक से पूछा कि 4 दिसंबर को होने वाले प्रॉपर्टी लॉ के पेपर में क्या आएगा? इस पर शिक्षक ने एक-एक धारा का नाम लेते हुए सभी सवाल बता दिए।

दूसरे ऑडियो में छह दिसंबर को होने वाले कॉमर्शियल लॉ का पेपर तैयार करने वाले शिक्षक का नाम पूछा जा रहा है। इसके बाद संबंधित शिक्षक को फोन कर सवाल पूछे गए। जब बताए गए पेपर हूबहू वही निकले तो महिला ने सवाल बताने वाले शिक्षकों को धन्यवाद भी दिया।


'महिला को यह भी पता है कि किस विषय का पेपर कौन बना रहा'

ऑडियो शहर के एक बड़े चिकित्सा संस्थान से जुड़ी महिला का बताया जा रहा है। जाहिर हो रहा है कि उसकी लविवि के शिक्षकों से नियमित रूप से बातचीत होती रहती है। यहां तक कि महिला को यह भी पता है कि किस विषय का पेपर कौन बना रहा है। इसलिए वह बिना संकोच के सीधे उसी शिक्षक को फोन कर परीक्षा में आने वाले सवाल पूछ रही है।

एक अन्य ऑडियो में वही महिला कह रही है कि कुलपति अपने घर के हैं। इसलिए कोई चिंता नहीं। यह बात उसने एक अन्य ऑडियो में भी दोहराई। इस ऑडियो में महिला कहती है कि कुलसचिव तो उनके घर के हैं, जिनके पास इस समय कुलपति का चार्ज है।

वह यह भी कहते सुनाई देती है कि कुलपति घर के हैं, लेकिन उनसे बात नहीं कर रही हूं। अगर फेल हो गई तो बड़ी बदनामी होगी। इस पर कुलपति शैलेश शुक्ला ने कहा कि कुलपति के लिए ऐसा कोई भी व्यक्ति कह सकता है। इससे कोई संलिप्तता साबित नहीं होती।


एक बड़े चिकित्सा संस्थान से जुड़ी है महिला

ऑडियो शहर के एक बड़े चिकित्सा संस्थान से जुड़ी महिला का बताया जा रहा है। जाहिर हो रहा है कि उसकी लविवि के शिक्षकों से नियमित रूप से बातचीत होती रहती है। यहां तक कि महिला को यह भी पता है कि किस विषय का पेपर कौन बना रहा है। इसलिए वह बिना संकोच के सीधे उसी शिक्षक को फोन कर परीक्षा में आने वाले सवाल पूछ रही है।

सरकार से सीबीसीआईडी जांच की सिफारिश मामले पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति शैलेश शुक्ला का कहना है कि यह गंभीर मामला है। एलएलबी थ्री ईयर के तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाओं की नई तारीख जल्द घोषित होगी। दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। सीबीसीआईडी जांच के लिए सरकार को पत्र भेजा जा रहा है।


ये है हाल: हार्ड डिस्क और डीवीआर खराब, फ्लाइंग स्क्वॉयड की रिपोर्ट में सब ठीक

परीक्षा से पहले लखनऊ विश्वविद्यालय का पेपर लीक होने से हड़कंप मच गया है। व्हॉट्सएप पर वायरल हुई ऑडियो रिकॉर्डिंग में लविवि के सहयुक्त तिवारीगंज के सिटी एकेडमी लॉ कॉलेज में बने परीक्षा केंद्र पर भी मनमानी सामने आई है। इसके बाद लविवि प्रशासन ने परीक्षा केंद्र से सीसीटीवी रिकॉर्डिंग जांचने के लिए डीवीआर मंगाए। इसमें पता चला कि एक डीवीआर की हार्ड डिस्क सही नहीं थी तो दूसरा डीवीआर ही खराब था। इसके बावजूद परीक्षा के दौरान निरीक्षण करने गए उड़ाका दल ने रिपोर्ट में सब ठीक होने की बात कही है।

कुलपति के अनुसार फ्लाइंग स्क्वॉयड को निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट देनी होती है। इस केंद्र पर जो टीम गई, उसने वहां सब ठीक होने की बात कही, जबकि डीवीआर की जांच करने पर पता चला कि उसमें कुछ था नहीं। ऑडियो में जिस महिला की आवाज है उसने परीक्षा के दौरान अपनी सीट अलग लगाने को खर्च करने की बात कही है। विवि प्रशासन इसकी जांच करने को सीसीटीवी रिकॉर्डिंग देखना चाहता था, लेकिन डीवीआर की जांच में कुछ हाथ नहीं लगा। यह भी संभव है कि ऑडियो वायरल होने के बाद रिकॉर्डिंग मिटा दी गई हो। विवि ने इस मामले में परीक्षा केंद्र को आजीवन डिबार करने के साथ पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

अब नए सिरे से होगी परीक्षा विवि के कार्यवाहक कुलपति शैलेश शुक्ला ने साफ किया है कि केवल एलएलबी थ्री इयर के तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा ही रद्द की गई है। इसकी नई तारीख जल्द घोषित होगी। बाकी परीक्षाएं निर्धारित समय से चलेंगी।

आंतरिक समिति भी करेगी जांच

लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले में आंतरिक जांच समिति का गठन कर दिया है। कार्य परिषद के सदस्य प्रो. एसके द्विवेदी के साथ पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो. चमन मेहरोत्रा को इसकी जांच के लिए नियुक्त किया है। समिति अपनी रिपोर्ट कार्य परिषद के सामने प्रस्तुत करेगी।

छात्र संगठनों ने किया विरोध पेपर लीक मामले का छात्र संगठनों ने विरोध किया है। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने विवि प्रशासन को घेरते हुए कहा कि इसी मिलीभगत से शिक्षा का बंटाधार हो रहा है। संगठन ने प्रदर्शन भी किया। वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी मामले की निंदा करते हुए प्रेसनोट जारी किया।

सौवें साल में लविवि पर लगा एक और धब्बा लविवि स्थापना के सौवें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। इसके गौरवशाली इतिहास पर एक के बाद एक धब्बे लगते जा रहे हैं। इसी साल विवि में फर्जी अंकपत्र मामले का खुलासा हुआ। पुलिस की प्रारंभिक जांच में प्रतीत हो रहा है कि फर्जी अंकपत्र तैयार करने में विवि के अंदर के ही किसी व्यक्ति ने बड़ी भूमिका अदा की है। इसके बाद बैंक खाते से 1.39 करोड़ की निकासी हो गई। अब पेपर लीक में शिक्षकों की भूमिका सामने आ गई है।


रसूखदारों को डिग्री दिलाने का अड्डा रहा विधि संकाय

पढ़ाई के मामले में लविवि भले ही मेधावियों की पहली पसंद न रह गया हो, लेकिन रसूखदारों को डिग्री दिलाने में अभी भी इसका जवाब नहीं है। वायरल हुए ऑडियो में जिस महिला की आवाज है उन्हें एक चिकित्सा संस्थान की प्रमुख बताया जा रहा है। बातचीत के अंदाज से साफ है कि  शिक्षकों से उसकी बातचीत लगातार होती रही है। वहीं, इससे भी पहले लविवि से कई रसूखदारों को डिग्री दिलाई जा चुकी है।

पिछले 10 साल में लविवि से कई प्रशासनिक अधिकारी लॉ की डिग्री ले चुके हैं। सूत्रों की मानें तो इनमें से कई ने पढ़ाई के लिए छुट्टी तक नहीं ली है। नियमित नौकरी के साथ उन्होंने विवि के शिक्षकों की मेहरबानी से नियमित डिग्री ले ली। लविवि मुख्य परिसर के अलावा यहां के कॉलेजों में भी यह सुविधा दी जा रही है। विधि संकाय में 75 फीसदी उपस्थिति की अनिवार्यता के बावजूद इस मेहरबानी से उन्हें बगैर उपस्थिति के परीक्षा में शामिल किया जा रहा है।

नकल करते पकड़े जा चुके हैं आईपीएस लविवि में वर्ष 2012 में एक आईपीएस को नकल करते पकड़ा गया था। इसके बाद विवि ने उनकी परीक्षा रद्द कर दी थी। हालांकि, पहुंच के चलते उन पर कोई अन्य कार्रवाई नहीं हुई।

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