चारधाम यात्रा: केदारनाथ धाम के खुले कपाट, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से हुई पहली पूजा
केदारनाथ धाम कपाट खुलने के पश्चात सर्व प्रथम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से रूद्राभिषेक पूजा संपन्न की गई। ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ भगवान के कपाट मेष लग्न, पुनर्वसु नक्षत्र में प्रातः छह बज कर 10 मिनट पर विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना के बाद खोले गए। इस अवसर पर मंदिर को 10 कुंतल फूलों से सजाया गया है।
बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली 26 अप्रैल को पंचगद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से गौरीकुंड के लिए रवाना हुई और 27 अप्रैल को केदारनाथ पहुंच गई।
डोली को पैदल मार्ग पर भीमबली में अपना दूसरा पड़ाव डालना था, लेकिन पर्याप्त व्यवस्थाएं न होने के कारण प्रशासन ने डोली को सीधे केदारनाथ पहुंचाने का निर्णय लिया। मंगलवार को केदारनाथ में मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने पंचमुखी भोग मूर्ति की पूजा-अर्चना की।
धाम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रिश्ता काफी पुराना
केदारनाथ धाम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रिश्ता काफी पुराना है। यहां उन्होंने साधना की थी, जिसके बाद उनकी किस्मत के दरवाजे खुले थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कभी केदारनाथ के पास गरुड़चट्टी में करीब डेढ़ माह गुफा में साधना की थी। बताया जाता है कि 80 के दशक में वह अक्सर बाबा केदार के दर्शनों को आते रहते थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वह कई बार केदारनाथ धाम आ चुके हैं। मई माह में लोकसभा चुनाव मतगणना से कुछ दिन पहले ही पीएम मोदी केदारनाथ धाम आए थे और यहां कई घंटों रुद्र गुफा में साधना की थी।
व्यवस्थाओं हेतु व्यापक दिशा निर्देश जारी
पर्यटन-धर्मस्व सचिव दिलीप जावलकर ने यात्रा संबंधी व्यवस्थाओं हेतु व्यापक दिशा निर्देश जारी किए हैं। ताकि कोरोना महामारी की समाप्ति के पश्चात उच्च स्तरीय दिशा-निर्देशों के तहत प्रदेश में चारधाम यात्रा को पटरी पर लाया जा सके। उल्लेखनीय है कि वुड स्टोन कंपनी ने केदारनाथ में बर्फ के ग्लेशियरों को काट कर मंदिर तक पहुंचने हेतु विषम परिस्थितियों में कार्य कर रास्ता बनाया। आयुक्त गढ़वाल / उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रमन रविनाथ ने बताया कि मार्च महीने से ही प्रशासन ने वुड स्टोन कंपनी को केदारनाथ पहुंच़ने हेतु मार्ग बनाने को कहा गया था।
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