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मिशन 'गगनयान' के लिए हुआ 12 संभावित अंतरिक्ष यात्रियों का चयन, रूस में दिया जा रहा है प्रशिक्षण


नयी दिल्ली: भारतीय अतंरिक्ष एजेंसी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन मिशन चंद्रयान-2 के बाद अपनी महात्वाकांक्षी मिशन गगनयान की तैयारियों में युद्धस्तर पर जुट गयी है. इसरो का ये पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान होगा जिसे दिसंबर 2021 तक लॉंच किया जाना प्रस्तावित है. विमान के निर्माण से लेकर कैप्सूल की डिजाइनिंग और अंतरिक्ष यात्रियों के चयन की प्रक्रिया जोर-शोर से चल रही है. जानकारी के मुताबिक मिशन गगनयान के लिए 12 अंतरिक्ष यात्रियों को चयन किया जा चुका है|


भारतीय वायुु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश सिंह भदौरिया ने बेंगलुरू में आयोजित इंडियन सोसाइटी फॉर एयरोस्पेस मेडिसिन के 58वें वार्षिक सम्मेलन में कहा कि पेशेवर तरीके से अंतरिक्ष यात्रियों के चयन की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने कहा कि इसके लिए हम इसरो के साथ समन्वय स्थापित कर रहे हैं और विमान के निर्माण से लेकर कैप्सूल की डिजाइन तक लगातार हमारा संवाद कायम है. उन्होंने जानकारी दी कि मिशन के लिए 12 संभावित अंतरिक्ष यात्रियों का चयन कर लिया गया है|


संभावित 12 अंतरिक्ष यात्रियों का चयन

इसी कार्यक्रम में बोलते हुए भारतीय वायु सेना के चिकित्सा सेवा के महानिदेशक एयर मार्शल एमएस बुटोला ने कहा कि मिशन गगनयान के लिए 12 संभावित अंतरिक्ष यात्रियों का चयन कर लिया गया है. इसमें से चालक दल के सात सदस्यों को प्रारंभिक प्रशिक्षण के लिए रूस भेजा गया है. उन्होंने बताया कि इन सात लोगों को प्रशिक्षण पूरा होने के बाद बाकी के पांच लोगों को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा|


एमसएस बटोला ने बताया कि इनमें से चार का चयन अंतिम रूप से मिशन के लिए किया जाएगा. और आखिरकार परियोजना की लॉंचिंग से एक या दो दिन पहले अंतिम दो लोगों का चयन किया जाएगा. सुरक्षा कारणों से इन चयनित लोगों का नाम उजागर नहीं किया जा रहा है|


2018 में हुई थी गगनयान की घोषणा

बता दें कि पहले मिशन गगनयान के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के चयन के लिए आयु सीमा 30 साल निर्धारित की गयी थी लेकिन इस आयु वर्ग से कोई भी शुरुआती परीक्षा पास नहीं कर पाया. तब आयु सीमा बढ़ाकर 41 साल कर दी गयी. एयर मार्शल एमएस बुटोला ने बताया कि अंतरिक्ष यान में जीवनरक्षक प्रणाली, स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली और विमान सहयोग प्रणाली को अंतिम रूप दिया जा रहा है. जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में लाल किला की प्राचीर से मिशन गगनयान की घोषणा की थी.

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